** जय माता दी **
नौ रूपों में मैया है आईं ।
हर भक्तों को दरश दिखाई ॥
शक्ति उपासक हम महारानी ।
तुम्हरी महिमा ना जात बखानी ॥
हर रूप है दिव्य महामाई ।
सकल ब्रहमांड तुम्ही में समाई ॥
सकल ज्ञान की तुम्ही हो ज्ञाता ।
सकल सृष्टि की तुम्ही हो त्राता ॥
तुम्ही हो ममता का सागर ।
छलका दो माँ प्रेम की गागर ॥
कष्ट हरो , कल्याण करो हे जगदम्बे ।
सब मनोकामना पूर्ण करें हे माँ अम्बे ॥
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