कवि विशाल चतुर्वेदी जी द्वारा रचना

** जय माता दी **

नौ रूपों में मैया है आईं । 
हर भक्तों को दरश दिखाई ॥ 

शक्ति उपासक हम महारानी  ।
तुम्हरी महिमा ना जात बखानी ॥

हर रूप है दिव्य महामाई ।
सकल ब्रहमांड  तुम्ही में समाई ॥

सकल ज्ञान की तुम्ही हो ज्ञाता ।
सकल सृष्टि की तुम्ही हो त्राता ॥

तुम्ही हो ममता का सागर ।
छलका दो माँ प्रेम की गागर ॥

कष्ट हरो , कल्याण करो हे जगदम्बे । 
सब मनोकामना पूर्ण करें हे माँ अम्बे ॥ 

विशाल चतुर्वेदी " उमेश "

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