कवि एल.एस.तोमर जी द्वारा रचना “अब्दुल कलाम"

*बदलाव राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मंच* 

     *दिनांक १२/१०/२०२०* 

              *अब्दुल कलाम* 

हिन्दू थे,ना मुसलमान थे।
    देश भक्त इन्सान थे।
      "  अब्दुल कलाम"
   भारत मां की शान थे।।


ग़रीबी और मुफलिसी,
के सामने द्वंद थे।

कठिनाई में भी ,
हौसले उनके बुलन्द थे।

अभावों में छंद,
वो बड़े हिम्मत वान थे।।
     ,," अब्दुल कलाम,"
  भारत मां की शान थे।/१


लड़े थे समय से,
 
बेचकर अख़बार।
मुख्य पृष्ठ के बने,
  जो  फिर हकदार।।

चांद से चमकदार,
 वो गुणों की खान थे।।।
     " अब्दुल कलाम"
   भारत मां की शान थे।/२


मिसाइल मैन वो,

भारत के सच्चे महामहिम।।

कूटनीतिक मजबूती की,

         जिन्होंने रखी थी नींव।

          थे वो भीम,
अर्जुन से गुणवान थे।।।।
      " अब्दुल कलाम"
भारत मां की शान थे।/३


पक्ष पात भ्रष्टाचार ,
   
रिश्वतखोरी पर प्रहार।

भारत माता के सपूत,

   वो  राष्ट्र का श्रंगार।।

          अलग ही फनकार,
       वो निराली तान थे।।।।
            " अब्दुल कलाम"
      भारत मां की शान थे।/४
    
     हिन्दू थे ना मुसलमान थे।
           देश भक्त इन्सान थे ।
          " अब्दुल कलाम"
       भारत मां की शान थे।।

।।।।    भारत मां की जय   ।।।।

 *मौलिक* 
 *एल एस तोमर मुरादाबाद यूपी*

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