कवयित्री आशा आडवाणी जी द्वारा रचना “सायली छंदगा आशा के गीत"

सायली छंद
गा आशा के गीत
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आशा 
का गीत
गुनगुना आगे बढ़ते
सभी को 
जाना।।

आऐ 
जो राह 
मे आढ़े नकारात्मक
उसे है
गिराना।।

आशा 
का प्रकाश
पुंज हर ओर
हे हमें
बिखराना।।

गिरे
यदि कोई
राह मे उसे
मिल है
उठाना।।

निराश
दिखे कोई
सखा उसे आशा
से भर
समझाना।।

आशा 
का दीपक
जला अंधकार है
हर ओर
मिटाना।।

वीना आडवाणी
नागपुर, महाराष्ट्र
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