कवि श्याम कुँवर भारती जी द्वारा 'भगा देता बैरी केरौना' विषय पर गीत

भोजपुरी धोबी गीत – भगा देता बैरी केरौना |
नाक करे सुकुर पुकुर बुखार ना उतरौना |
बलम हो भगा देता बैरी केरौना |
धीरज धरा धनिया बहरी पाँव ना उठौना |
मोर सुनरो हो भगा देईब बैरी केरौना | 
जाइके बज़रिआ मसकिया ले आइहा |
हथवा धोवे वाला सबुनिया ले आइहा |
बलम हो ला देता नवका बिछौना |
बलम हो भगा देता बैरी केरौना |
सगरो देशवा मे लागल बा करफू नजरिया |
बंद भईले स्कूल कालेज बंद बा बज़रिआ |
मोदी जी लगवले देशवा मे लोकडौना |  
मोर सुनरो हो कैईसे लियाई नवका बिछौना |
मोर सुनरो हो भगा देईब बैरी केरौना | 
निकलबू जे बहरिया केरोना लग जाई |
घरवे मे रही के पहिले जनवा बचाई |
जनवा जे बची त लीआ देईब बिछौना |
मोर सुनरो हो भगा देईब बैरी केरौना | 
बलम हो भगा देता बैरी केरौना |
श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि/लेखक /समाजसेवी 
बोकारो झारखंड।

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