कवयित्री डाॅ ज्योत्सना सिंह जी द्वारा रचना “महामानव कलाम"

"महामानव कलाम"

कलाम !
मात्र एक नाम नहीं ..,
एक" पहचान "है ,
विश्व पटल पर भारत के कर्मशीलता की , 
मूर्त रूप हैं ,
सर्वधर्म समभाव के,
"बृहद हस्ताक्षर" हैं ,
ज्ञान और विज्ञान के ,
"यात्रा "हैं ,
धरती से अंतरिक्ष तक की ,
"प्रमाण" हैं ,
संघर्ष से सफलता के उत्कर्ष की ,
"कलाम "
मात्र एक नाम नहीं, 
एक सोच हैं !
एक विचारधारा हैं !
एक दिशा हैं !
जिस के बताए मार्ग पर चलकर, 
हमें आज के भारत को ,
कलाम का भारत बनाना है क्योंंकि,
"कलाम "!
मात्र एक नाम नहीं.....,
"आत्मा "हैं भारत की ।।

डाॅ ज्योत्सना सिंह "साहित्य ज्योति"

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