आप हमें देखकर बस मुस्कराइये #निर्दोष लक्ष्य जैन जी द्वारा#

आप हमें देखकर बस मुस्कराइये 
     आप हमें देखकर बस मुस्कराइये 
              प्यार का कवि हूँ बस प्यार चाहिये 
     एकता हमें  बेमिसाल  चाहिये 
               हिंदू चाहिये ना मुसलमान चाहिये 
    मंदिर चाहिये ना हमें मस्जिद चाहिये 
               हँसता हुवा अपना ये वतन चाहिये 
    हमको हमारा  प्यारा हिंदुस्तान चाहिये 
                आप हमें देखकर बस मुस्कराइये 
    गीत मेरे प्यार के गुण गुणाइये 
                 हर सुबह चाहिये हर शाम चाहिये 
    खिलता हुआ हर चेहरा गुलाब चाहिये 
           दिल में प्यार चेहरे पर मुस्कान चाहिये 
   .हमको हमारा प्यारा हिंदुस्तान चाहिये 
            लहराते हुए हमको हमारे खेत  चाहिये 
   हर किसान के चेहरे पर मुस्कान चाहिये 
        जय जवान जय किसान का नारा चाहिये 
   एवरेस्ट पर फहराता सदा तिरंगा चाहिये 
          " लक्ष्य " हमारा भारत खुशहाल चाहिये 
   आप हमें देखकर बस मुस्कराइये 
                        गीत मेरे प्यार के गुणगुणाइये 

    स्वरचित                        निर्दोष लक्ष्य जैन 
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