शशिलता पाण्डेय जी द्वारा विषय साक्षरता पर खूबसूरत रचना#

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      साक्षरता
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साक्षरता की ज्योति जलाकर,
निरक्षरता के गहन तिमिर को।
 हमे करना होगा दूर निरंतर,
अशिक्षा अज्ञानता के बंधन को।
मुक्त कर जन-जन में साक्षरता लाकर,
करना होगा शिक्षित जन-जन को।
रूढिवादिता,अंधविश्वास भगाकर,
साक्षरता का मंत्र बताए,बच्चे,बूढ़े और जवान को।
साक्षरता खोले ज्ञान का द्वार,
साक्षरता करे दूर मानव के संकीर्ण विचार को।
 जन-जन में जागृति लाकर,
तोड़े सारे बंधन सुलझाता उलझे मन को।
जाति,धर्म  के झगड़े सुलझाकर,
 प्रज्वलित करता ज्ञान के दीप को।
हृदय से अँधेरा  सबके करता दूर,
दिखाए साक्षर ज्ञानी नई राह जन-जन को।
 सुलझे जीवन का ये समुचित आधार,
उम्र का बंधन नही रोके शिक्षा को।
भारतीय संविधान का ये मूलाधिकार,
 ज्ञान दीप जला शिक्षित करना है सबको।
साक्षरता करे जन-जन के मुक्त विचार,
जागरूक बनाता हर मानव के मन को।
सुन्दर जीवन आलोकित संसार,
विकास का पथ बतलाता मानव को।
बनाये हर इंसान को आत्म निर्भर,
कभी ना कोई ठग पाता साक्षर मनुज को।
साक्षर मानव बनता सम्मान का हकदार,
ज्ञान से जगमगाता हर घर को।
साक्षरता खोले मानव किस्मत के द्वार,
बनाता बंधनमुक्त मानव मस्तिष्क को।  
समुचित विकास का उत्तम आधार,
आत्मनिर्भरता आत्मसम्मान देता जीवन को।
शिक्षा से सारी होगी बुराइयां दूर,
 जागृत करता संस्कार और सुविचार को।
दूर होगी गरीबी,अपराध और भ्र्ष्टाचार,
साक्षरता देता योगदान चरित्र निर्माण को।
साक्षरता औषधि, करे दूर समाजिक व्याधि दुष्कर,
आओ हम साक्षरता का पाठ पढ़ाये जन-जन को।
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स्वरचित और मौलिक
सर्वधिकार सुरक्षित
कवयित्री:-शशिलता पाण्डेय

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