कवयित्री शशिलता पाण्डेय जी द्वारा 'दोस्ती' विषय पर रचना

     ये दोस्ती हम नही तोड़ेंगे,
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 दो दिल जुड़ते लेकर प्रेम का पैगाम,
 जीवन में सच्ची दोस्ती तो एक वरदान।
  मुसीबत में आता वो हर वक्त काम,
 ये दोस्ती हम नही तोड़ेंगे लेते वचन।
 मिल जाये सौभाग्य से कोई मनमीत,
 धरती पर जैसे मिल जाये भगवान।
 बेगानों के दिल मे भी अपनों सी प्रीत,
 सबकुछ करते जो एक दूसरे पर अर्पण।
  हृदय में उमड़ता जब प्यार असीमित।
  सुखी और प्रसन्न दुनियां में वो इंसान,
  लगता यू उसने सारी दुनियां ली जीत।
   मिल जाये सच्चा इंसान जीवन आसान,
   मुश्किलें भी बड़े सुकून से जाती बीत।
   जब भी कोमल अनुभूतियां कोई जगाएं,
   पलभर भी बिछड़ने का कोई गम सताएँ।
  कोई करें परवाह और खुशियां खिलखिलाए,
 यही तो सच्चे साथी की प्रेमी सुन्दर अदाएं।
हर वक्त मन ही मन खैरियत की मांगे दुआएं,
जन्मों के बंधन सा कोमल अहसास जगाए।
 सच्ची दोस्ती जीवनभर तोड़ी नही जाएं,
एक दूसरे को हर वक्त दोस्ती की याद आये।
  मन ही मन एक नगमा दिल हरदम गाएं,
  ये दोस्ती हम नही तोड़ेंगे की कसम खाएं।
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स्वरचित और मौलिक
सर्वधिकार सुरक्षित
कवयित्री:-शशिलता पाण्डेय

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