सादर समीक्षार्थ
विधा - हाइकु
1 - प्रभु की भक्ति
आनंदित करती
करके देखो
2 - डरो न कभी
निर्भय तुम बढ़ो
सत्य के पथ
3 - आशा ना छोड़
कर्तव्य पूर्ण कर
सफल होगा
4 - आसान नहीं
जीना दुनियाँ में तो
टूटते भ्रम
5 - सत्य का पथ
होता बड़ा विकट
प्रभु प्रसन्न
6 - हार न मान
निराशा दूर कर
विजयी होगा
7 - दृढ़ हो इच्छा
बनेंगे सभी काम
विश्वास रखो
8 - कर्म कर तू
बाधाओं से न डर
लक्ष्य मिलेगा
9 - आशा- विश्वास
रखो अपने साथ
मिलेगी जीत
10 - परिश्रम से
सफलता मिलती
विश्वास करो
11 - जीवन मृत्यु
प्रभु के हाथ होती
क्यों डरता तू
12 - निर्बल का तू
सहारा बन देख
शांति मिलेगी
डॉ . राजेश कुमार जैन
श्रीनगर गढ़वाल
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