कवि नारायण प्रसाद साहू जी द्वारा रचना “शीर्षक -काम ऐसा करो"

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शीर्षक -काम ऐसा करो ।

काम ऐसा करो कि आपका नाम हो ।
काम ऐसा करो कि माता-पिता न बदनाम हो ।
काम ऐसा करो जिसका कुछ ज्ञान हो ।
काम ऐसा करो जिससे लोगों का सलाम हो ।
काम ऐसा करो कि वो न आम  हो
काम ऐसा करो कि सब आप पर मेहरबान हो ।
काम ऐसा करो जिससे रास्ता न जाम  हो ।
काम ऐसा करो जिसमें मान -सम्मान हो ।
काम ऐसा करो जिसका कोई ठोस प्रमाण हो ।
काम ऐसा करो जिससे कोई न इल्ज़ाम हो।
काम ऐसा करो जिस से अलग पहचान हो । 
काम ऐसा करो जिस से चेहरों पर मुस्कान हो ।
काम ऐसा करो जिस से कोई विधान हो ।
काम ऐसा करो जिसका कोई  अंजाम हो ।
काम ऐसा करो जिस से कोई मुकाम ।
काम ऐसा करो जो समस्या का समाधान हो।
काम ऐसा करो जिस से  अनुसंधान हो ।
काम ऐसा करो जिस से दूर अंधविश्वास हो ।
काम ऐसा करो जिस से आप पर विश्वास हो।
काम ऐसा करो जिस से सब का विकास हो ।
काम ऐसा करो जिस में आपका लगन हो।
काम ऐसा करो जिस से शांति हो ।
काम ऐसा करो जिस से जय  हो।
काम ऐसा करो जिस से विजय हो
काम ऐसा करो जिस से एकता हो।
काम ऐसा करो जिस से अखंडता हो।
काम ऐसा करो जैसे कोई इंतिहान हो ।
काम ऐसा करो जैसे हथेली पे जान हो ।
काम ऐसा करो जैसे आप कोई महान हो ।
काम ऐसा करो जैसे आप कोई विद्वान हो।
काम ऐसा करो जैसे आप कोई गुणवान हो।
काम ऐसा करो जैसे आप एक अच्छा इंसान हो।
✍🏻 नारायण प्रसाद साहू
        आगेसरा(अरकार)
       दुर्ग छत्तीसगढ़

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