डॉ.राजेश कुमार जैन जी द्वारा विषय माँ की आरती पर रचना#

सादर समीक्षार्थ
माँ की आरती 
दिनाँक। -   24. 10. 2020
 

 जय दुर्गे अम्बे मैया
 जय जय भवानी मैया
 निशदिन हम, करें तेरी आरती
 सब मिलकर गाएँ, तेरी आरती..।।
 जय दुर्गे अम्बे मैया
 जय जय भवानी मैया..।।

श्रृंगार तेरा,सब मिलकर करते
माँग में सिंदूर, कानों में कुंडल 
नैनों में काजल , माथे पर बिंदिया 
मुख मंडल अति अद्भुत है लागे ..।।
जय दुर्गे  अम्बे मैया
 जय जय भवानी मैया..

 चंड- मुंड का, शीश काटकर
 मधु -कैटभ को, तुमने मारकर
 भक्तों का, उद्धार किया था
 जन जन का, कल्याण किया था..।।
 जय दुर्गे अम्बे मैया
जय-जय भवानी मैया..।।

 तुम सब से ही, प्यारी मैया
 सब के दुख, हर लेती मैया
 तुम शिव की, महारानी मैया
 मनवांछित फल, देती मैया..।।
 जय दुर्गे अम्बे मैया 
जय जय भवानी मैया..।।

 सबकी पार, लगाती नैय्या
 तुम सा न और कोई खिवैया
 आशीष सभी को, देती मैया
 सबकी झोली, भर देती मैया..।।

 जय दुर्गे अम्बे मैया..
 जय जय भवानी मैया..
 नित दिन हम करें तेरी आरती 
सब मिलकर गाएँ तेरी आरती..।।



डॉ.राजेश कुमार जैन
श्रीनगर गढ़वाल
उत्तराखंड

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