सादर समीक्षार्थ
साइली छंद
1 - दशहरा
मनाते सभी
पुतला जला कर
हृदय स्वच्छ
करो
2 - सभी
रहें प्रसन्न
विकास हो सबका
जीवन बने
सुगम
3 - हमें
अब बस
इतना है सकून
पड़ोसी हैं
प्रसन्न
4 - परवरदिगार
इल्तजा है
यही सलामत रहें
वो जिनपे
यकीं
5 - संस्कार
विचलित नहीं
होने देते मन
धैर्य सिखाते
सदा
6 - राम
मंदिर बनेगा
सब करेंगे कारसेवा
आना तुम
जरूर
7 - धर्म
ध्वजा फहराएंगे
राम मंदिर बनेगा
ही शीघ्र
अब
8 -- हौसला
ही सदा
हो बुलंद तभी
मजा आता
है
9 - हौसला
जीने की
प्रेरणा देता है
तुम भी
रखो
10 - मनोबल
से है
मिलती जीत सदा
करो विश्वास
तुम
11 - मनोबल
के बिना
जीवन होता व्यर्थ
निश्चय जानो
तुम
12 - बच्चों
के समान
खिलखिलाते रहो तुम
दुनियाँ सुहानी
लगती
डॉ. राजेश कुमार जैन
श्रीनगर गढ़वाल
उत्तराखंड
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