*बदलाव राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मंच*
साप्ताहिक प्रतियोगिता
नारी शक्ति / नव रात्रि
दिनांक 18- से 24 अक्टूबर
विषय - *नारी शक्ति*
नारी शक्ति रूप ,
दुर्गा, चंण्डी काली का ।
सशक्त सत्व समृद्ध सबल,
सर्व शक्ति शाली का ।
है स्रोत जो ममता और प्यार का।
करे प्रशस्त मार्ग ,
आदमी के उद्धार का ।
प्यार है जिनमें रूप हो भयत्व ,
उन आंखो की लाली का ।।
सृष्टि कर्ता, भार्या, अर्धांगिनी बनें।
झेले मुसीबत परिवार की ,
वीरांगनी बने ।
तलवार शक्ति की,
सच्चा करे अभिनय माली का।
नारी शक्ति रूप ,
दुर्गा चण्डी काली का ।।।।।।
।।।।।।।।।।।।।।।।।।
*मेरी *बिगड़ी *बना दे ।।।**
मेरी बिगड़ी बना दे,
मांँ खप्पर वाली।
आये हैं दर पे दीन दुखी,
बन के शवाली।
दुःख हरनी मांँ ,
तुम सुख करनी ।
सहस दल तुम भ्रमर,
रजत कमल चरनी ।
हो पाप विनाशक ,
तुम सबसे निराली।1
मेरी बिगड़ी बना दे,
मांँ खप्पर वाली ।
हर भुजा तुम्हारी ,
दुष्टों को मिटाती।
कष्ट सारे हरती ,
लाचारों की लाज़ बचाती।
हो गया उद्धार तुमने,
दृष्टि जिस पर डाली ।2
मेरी बिगड़ी बना दे,
मांँ खप्पर वाली ।
हमको भी बना लो ,
अपने चरणों का दास मैय्या।
ना टूटे कभी तुम पर,
है जो विश्वास मैय्या ।
पूरी है आस मैय्या ,
भरोगी तुम झोली खाली ।3
मेरी बिगड़ी बना दे,
मांँ खप्पर वाली।
बजें घण्टे बाजे दिन रात ,
तेरा गुणगान होगा ।
जलती रहें जोत तुम्हारी ,
अतुल्य सम्मान होगा ।
जाएंगे ना दर से शवाली ,
भर दो मेरी झोली खाली।4
मेरी बिगड़ी बना दे ,
मांँ खप्पर वाली।।
जय माता दी
जय कारा मांँ का लगा दो।
सोई आत्मा को जगा दो।
मौलिक
*एल एस तोमर मुरादाबाद यूपी।*
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