शशिलता पाण्डेय जी द्वारा विषय' वक्त से पहले' पर खूबसूरत रचना#

 वक्त से पहले किस्मत से ज्यादा
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जो भी करे वक़्त की कीमत,
      वक्त उसी का होता है।
      वक्त से पहले किस्मत से ज्यादा,
         और बहुत कुछ मिलता है ।
कर्म करेगें जितना हम,
   उतना ही फल मिलता है।
      किस्मत की माला जपने से,
           अपना भविष्य, बिगड़ता है।
जितना ऊंची सोच है उतना,
     सपना भी सच होता है।
      मेहनत,और हिम्मत से ही,
             दुनियाँ में सबकुछ मिलता है।
अपना लक्ष्य बनाने पर,
    पहाड़ो में भी राह, निकलती है ।
        कर्म -हीन नर के जीवन मे,
              कभी ना वक्त बदलता है।
     देकर के, दुहाई किस्मत की ,
          जीवन- भर ही वो रोता है ।
          अपनी झूठी, इज्जत की खातिर,
                 बस, बात ऐसी वो करता है।
वक्त से पहले ,किस्मत से ज्यादा,
        नही कभी, कुछ मिलता है।
              अकर्मण्य कुछ लोगों को ,
                वक्त बिताना  ही, अच्छा लगता है 
चाह जहाँ है राह वही है,
      जैसी राह' जो चुनता है।
       ।वक्त से पहले किस्मत से ज्यादा,
             अपने ही मन से मिलता है।
दोष निकाले किस्मत का, 
   अपना वक्त गवाया है ।
      सारा जीवन गुजर गया, पर,
          वक्त कभी ना आया है।
बस ,इतना कह-कह के उसने,
        लोगों को भरमाया है।
          किस्मत से ज्यादा वक्त से पहले,
                  कभी नही कुछ मिलता है।***********************
   स्वरचित और मौलिक
    सर्वाधिकार सुरक्षित
कवयित्री-शशिलता पाण्डेय

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