*19 अक्टूबर 2020*
*बदलाव मंच साप्ताहिक प्रतियोगिता* *नारी-शक्ति और नवरात्र विशेष पर विशेष आयोजन*
सम्माननीय मंच और प्रबुद्ध कलमकारों का हार्दिक वंदन अभिनंदन करते हुए नारी शक्ति को समर्पित मेरी मौलिक रचना पटल पर सादर प्रस्तुत है ।
*शीर्षक*
*"नारी से संसार है"*
प्रकृति का रूप है नारी,
शक्ति का अवतार है l
सृजन का सोपान मनोहर,
सृष्टि का उपहार है l
वात्सल्य,उत्कृष्ट प्रेम की
ये मूरत अनमोल है l
कर्तव्यों की प्रेरणा
संघर्षों का भूगोल हैl
कलमधरों की काव्य प्रेयसी
धरती का श्रंगार है ।
रणचंडी,महाकाली,दुर्गा
अनगिन रूप है नारी केl
वीर लक्ष्मीबाई बन के,
खेले खेल कटारी के l
अबला मत जानो नारी को,
नारी पैनी धार है।
अभियंता,अभिभाषक बन के,
अद्भुत कला दिखाती हैl
नवयुग की सुशिक्षित नारी,
वायुयान उड़ाती है l
उन्नति पथ पर बढ़ने वाली,
साहस का आधार है l
शोषण,दमन,प्रवंचना का
पग-पग पर प्रतिकार करो l
बनो प्रबल विद्या बुद्धि में,
पुरुषार्थ से प्यार करो l
करो शौर्य का “दीप” प्रज्ज्वलित,
नारी से संसार है l
*© रचनाकार*
*डॉ. दीप्ति गौड़ "दीप"*
*कवयित्री*
ग्वालियर , मध्यप्रदेश
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