कवयित्री इंजी शालिनी चितलांगिया "सौरभ" जी द्वारा रचना “कलाम को मेरी कलम का सलाम'"

बदलाव मंच राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय साप्ताहिक प्रतियोगिता(09/10/2020 से  13/10/2020)
यह रचना मेरी स्वरचित एवं मौलिक रचना है

*"कलाम को मेरी कलम का सलाम'*

खुदा का नेक बंदा धरती पर फरिश्ता रुपी इंसान....
भारत माता का सच्चा सपूत रामेश्वरम जिनका जन्म स्थान....
 
नाविक के घर जन्म लेकर करी  भारत की नौका पार....
संघर्षपूर्ण जीवन जीकर शिखर पर पहुंचे करी हर चुनौती  स्वीकार.....

एयरोनॉटिक्स इंजीनियर बनकर दी भारत मां को मिसाइलों की सौगात.....
सिरमौर बनाया देश को दुश्मनों को भी अपने हुनर से दी मात......

11 वे राष्ट्रपति बनकर देश की धरोहर को बखूबी संभाला.... मिसाइल मैन के नाम से मशहूर हुए तो पहनी भारत रत्न से सुशोभित माला........

जीवन इनका कर्मठता, कर्तव्यनिष्ठता और देश प्रेम का पर्याय है..... 
इनका अस्तित्व सिर्फ एक नाम नहीं अपने आप में संपूर्ण अध्याय है.......

अंतिम सांस तक जिन्होंने तकनीकी औजारों से देश की नींव को मजबूत किया.....
यही नहीं एक प्रोफेसर के रूप में विद्यार्थियों के जीवन में ज्ञान दीपक को प्रज्वलित किया.....

कलाम साहब कहते थे *"सपने वो नहीं होते जो सोने के बाद देखे जाते हैं ,बल्कि वे होते हैं जो आपको सोने नहीं देते*".......
इनके जीवन के हर एक प्रसंग हमें सच्चे इंसान और इंसानियत बनने का सबब देते.......

देश के गौरव ,माटी के सपूत हैं जो और जिनके ऊपर मां सरस्वती का वरदान है.....
*"डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम"* नाम है इनका, इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में अमर इनका नाम है......


इंजी शालिनी चितलांगिया "सौरभ"
राजनांदगांव
छत्तीसगढ़

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