कवयित्री कल्पना भदौरिया "स्वप्निल" जी द्वारा सुप्रभात लेखन

नमन मंच 

सुप्रभात 

शुभ - लाभ, लाभ हानि का त्याग करो 
भजन करो प्रभु का, भजन करो 
बिगड़ी वही बनाएगा 
नैया पार वही लगाएगा 
सुख - दुःख, दुःख - सुख का त्याग करो 
भजन -------------------------

सुकर्म करते रहो 
फल की इच्छा न करो 
सोच असोच, अशोक शोक का त्याग करो 
भजन -----------------


कल्पना भदौरिया "स्वप्निल "
उत्तरप्रदेश

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