कवि अशोक शर्मा वशिष्ट जी द्वारा 'नारी शक्ति' विषय पर रचना

साप्ताहिक प्रतियोगिता
नमन  - बदलाव मंच
बिषय -नवरात्रि व नारी शक्ति
शीर्षक- नारी शक्ति
दिनांक -20-10-2020

   नारी शक्ति तुम्हें प्रणाम
सुर नर सभी करें तुम्हारा गुणगान
तुम हो समाज की आन बान और शान
तुम हो परिवार की जान

   तुम बिन लागे घर सूना
तुम से ही परिवार होता पूरा

   नारी का समाज मे अनंत योगदान
संतान को देती संस्कार और  ज्ञान
तुम हो जग जननी तुम से चलता सारा जहान
परिवार हेतु कर देती सब कुछ कुर्बान
देवता उसी घर मे करते वास जहां होता नारी का सम्मान
सुबह से शाम तक खटती रहती
संवारे सदा घर का काम
अपने सत्कर्मों से रोशन करती कुल का नाम

    नारी है ममता की मूरत
तुम मे वसे देवी सी सूरत
करती परिवार की प्रत्येक जरूरत

  परिवार हेतु  करती त्याग
नहीं करती परंपराओं का परित्याग
नारी तुम हो घर  की लाज
सारे विश्व को तुम पे नाज़

अशोक शर्मा वशिष्ट
यह मेरी स्वरचित कविता है
प्रीतम नगर पलौड़ा जम्मू

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ