सादर समीक्षार्थ
विधा --- हाइकु
1 - बचपन है
अमूल्य उपहार
प्रभु प्रदत्त
2 - नहीं लौटेंगे
जीवन में दोबारा
ये प्यारे दिन
3 - मस्ती में झूमो
बेफिक्र होकर ही
डरो न तुम
4 - प्यार पाने को
आदर दो सबको
खुश रहोगे
5 - बच्चों तुम तो
बतलाते सबको
जीवन जीना
6 - तितली बन
उड़ते फिरो तुम
बच्चों के संग
7 - बच्चों तुम को
देख,सभी भूलते
पीड़ा अपनी
8 - वरदान से
लगते हो सबको
तुम सृष्टि के
9 - काश मैं फिर
से बच्चा बन जाऊँ
सदा के लिए
10 - नाचूँ गाऊँ मैं
सभी बच्चों के संग
बेफिक्र रहूँ
डॉ. राजेश कुमार जैन
श्रीनगर गढ़वाल
उत्तराखंड
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