कवयित्री पूजा परमार सिसोदिया जी द्वारा रचना

बदलाव मंच को नमन
दिनांक _ 17/10/20
दिन _ शनिवार
शीर्षक - माता रानी

क्यों सोचे क्या जीते हारे
जब माता रानी के तू सहारे।

सुकून बड़ा है माँ के द्वारे
बिगड़े काम माँ सबके सवारे।

भटका है तू मनुष्य कहा रे
माता रानी तुझे पुकारे।

जय माता दी में बड़ा है दम
दिन रात गा तू माँ के जयकारे।

जय माता दी

पूजा परमार सिसोदिया
आगरा ( उत्तर प्रदेश)
pujaparmar89@gmail.com

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