कवि कैलाश सराफ 'कैलाश' जी द्वारा 'नारी' विषय पर रचना

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राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय बदलाव मंच
साप्ताहिक
 प्रतियोगिता हेतु
दिनांक 19 10 2020
विषय- कविता(नारी)
शीर्षक-"नारी"तेरी कहानी!!
कोमल है पर कमजोर नहीं, नारी तेरी अजब कहानी!!
यह कौन है?
महिला है औरत है नारी है, ,, तू सरस्वती का रूप लक्ष्मी का रूप दुर्गा काली का रूप है आदि शक्ति भवानी है!!
पहले तू बेटी है बाबुल के आंगन में बढ़ती पलती है,
पर उस घर को नहीं अपना कहती है।।
तू पराया धन कहलाती है ,,
हर पल बहता आंख से पानी है।।
नारी तेरी अजब कहानी है।।
नारी ने मर्दों को जन्म दिया,
फिर भी खुशियों की प्यासी रही,,
सुख-दुख के पलों को  सहलाती रही,, जीवन की राहों को अपने कर्म फूल से सजाती रही।।
नारी तेरी अजब कहानी तू कोमल है कमजोर नहीं।।
आज के युग की नारी किसी से कम नहीं,
हर क्षेत्र में सजग रहती आई है,, देश का नाम ऊंचा करती आई है।
तुझ से अनेकों नाते जुड़े हैं तो मां है बहन है पत्नी है मित्र है सलाहकार है न्यायधीश है तू सब कुछ है,,बिन नारी जीवन शून्य है।।
इसकी अनुभूति हमारे जीवन को सफल बनाती है पुरुष का भाग्य बनाती है अनसुलझे सवालों को सुलझाती  है,,वक्त
 के तूफानों को झेलती चली जाती है,,हम पुरुषों की मुस्कुराती जिंदगी है।। नारी तेरी अजब कहानी है,तू कोमल है कमजोर नहीं,नारी तेरी अजब कहानी है।।
पृथ्वी और स्त्री दोनों  सहनशक्ति की मूर्ति है , हर पल हर संभव समर्पण का भाव रखती है।
धरती ही जगत का भार ढोती आई है!
नारी सांसारिक जीवन का बोझ ढोती आई है।।
उसने कभी उफ तक नहीं की
धन्य धन्य है भारत की नारी,! तुझ पर सारी दुनिया है वारी!!
नारी तेरी अजब कहानी तू कोमल है कमजोर नहीं,,नारी तेरी अजब कहानी!!
नारी नर से मजबूत मनोबल है इसका सबूत!
तेरा हौसला है बुलंद
देखा है तुझ में साहस
यम को भी लौटना पड़ा वापस।।!
नारी तेरी ओजपूर्ण कहानी,नारी तेरी अजब कहानी, तू कोमल है कमजोर नहीं।।
ना करो भ्रूण हत्या क्यों बनते हो पाप के भागी
कन्या बिन दहलीज कुंआरी सी,
नारी ही संस्कृति की डाली।।
समाज में नारी शक्ति की पूजा होती आई है आज, हम शक्ति रूप में
मान वंदना करते आये हैं आज,, उसे अग्नि स्वाहा बना देना हमारा दुर्भाग्य है आज।।!!
हे नारी तेरी अजब कहानी,
तू कोमल है कमजोर नहीं।। 
धन्यवाद!!
स्वरचित अप्रकाशित मौलिक मेरी रचना है।।
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कैलाश सराफ "कैलाश"
पुणे महाराष्ट्र (भारत)

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