भास्कर सिंह माणिक,कोंच जी द्वारा खूबसूरत रचना#

वन (जंगल )सुरक्षा
बदलाव अंतर्राष्ट्रीय मंच
          वन जीवन दाता
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हमें और आपको
जन-जन को
करना है
मिलकर वन सुरक्षा

जंगल हमें
जंगल तुम्हें
देते हैं जीवन यापन के लिए
बहुमूल्य वस्तुएं
नहीं लेते कोई मूल
ऐसे परमार्थी की
करना है हमें
मिलकर
वन सुरक्षा

मत काटिए
 जंगल
यह करते हैं मंगल
वायु को शुद्ध करते
बाढ़ प्रदूषण को रोकते
करते हैं हमारी सुरक्षा
हम मिलकर करें
वन सुरक्षा

देते हैं
हमें औषधि
रखते हैं हमें स्वस्थ
हम कर रहे हैं उन्हें नष्ट
आज है समय की पुकार
हम करें प्यार
मत मैं मेटो
जंगली जीवों का आवास
करो भविष्य को सुरक्षित
समझो और समझाओ
वन का अर्थ
जागो - जागो
उठो करो
वन सुरक्षा
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मैं घोषणा करता हूंँ कि यह रचना मौलिक स्वरचित है।
      भास्कर सिंह माणिक,कोंच

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