निर्माण#भास्कर सिंह माणिक, कोंच जी द्वारा#

मंच को नमन
बदलाव अंतर्राष्ट्रीय मंच
  शीर्षक
             निर्माण
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सच है
हर कोई जानता है
हर व्यक्ति समझता है
हर आदमी कहता है
क्यों न कहे
यथार्थ है
होता है
व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण

वेद ,पुराण ,उपनिषद
गीता कुरान बाइबिल 
प्रत्येक धर्म में कहा गया
हर समुदाय में कहा गया
इसका इतिहास गवाह बन गया
होता है
व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण

आपका व्यवहार
आपका विचार
आपका पहनावा
आपका बोलचाल
आपकी चाल ढाल
आपकी उठक बैठक
दर्शाती है
आपके भाव 
आपके देश की शक्ति
आपके देश की भक्ति
आपके देश का विकास
जैसा होगा आपका चरित्र
वैसा ही बनेगा आपका चित्र
माणिक हम नहीं कहते
कहते हैं लोग
होता है
व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण
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मैं घोषणा करता हूंँ कि यह रचना मौलिक स्वरचित है।
          भास्कर सिंह माणिक, कोंच

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