कवयित्री डॉ ज्योत्सना सिंह "साहित्य ज्योति" जी द्वारा रचना

दो अक्टूबर धन्य दिवस यह भारत के इतिहास का, 
गांधी,शास्त्री दो मूर्त रूप थे मां भारती के विश्वास का,
सत्य अहिंसा कर्मशीलता शांति के संवाहक थे,
नमन उन्हें है भावपुष्प से यह पर्व है हर्षोल्लास का।।

  डॉ ज्योत्सना सिंह "साहित्य ज्योति"लखनऊ

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