कवयित्री माधवी गणवीर वर्चस्वी जी द्वारा 'नारी' विषय पर रचना

नमन मंच
*बदलाव साप्ताहिक प्रतियोगिता हेतु*
विषय - नव दुर्गा नव रूप
दिनांक - 23/ 10/2020

जगजननी, जग कल्याणी मां आई हमारे द्वार,
 अष्टविनायक, महिषासुर धरनी आई करने उद्धार।

गूंज उठा नवरात्र में जगमग मां का दरबार,
पावन पर्व नवरात्र का, करते सब जयकार।

 प्रथम अवतरण जगत में, शैलपुत्री मां कहायी,
 ब्रह्मचारिणी माता स्वरूप, दूजे रूप में आयी।

जगमग तीजे दिवस में, चंद्रघंटा सा रूप,
 चौथ को मां कुष्मांडा, आदि शक्ति स्वरूप।

अद्भुत पंचम स्वरूप, धरा पर स्कंदमाता,
 मां कात्यायनी का दिव्य दर्शन, षष्टम दिवस हो पाता।

मां काली की आरती, तिथि कहाती सप्तमी,
 दिव्य दर्शन के आलोक में, पूजते गौरी अष्टमी।

नवम तिथि नवरूप में, करती कामना पूर्ति,
 शक्ति स्वरूपा,सिद्धिदात्री, सुख समृद्धि की पूर्ति।

नवदिन, नवरात्र, नवरूप में धरा की कीर्ति, 
महिषासुर, मर्दिनी, त्याग,तपस्या की प्रतिमूर्ति।

अब के सेवा सफल करें, मिले मां का पुण्य प्रताप,
 सकल मनोरथ पूर्ण हो, मिटे दुख पीड़ा संताप।

*माधवी गणवीर* वर्चस्वी 
राजनांदगांव,छत्तीसगढ़।

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