*जय माता दी*
जय हो जय जयकार,स्वागतम दुर्गा माता।
नव दिन रहना साथ,करेंगे मिल जगराता।।
नमन करो स्वीकार,करूँ मैं तेरी पूजा।
हरलो माँ सन्ताप,नही है कोई दूजा।
बढ़ता अत्याचार,बना काल महा मारी।
करके सब संहार,तार दो कष्ट हमारी।
महिसासुर को मार,जगत में फिर है छाया।
करके सुंदर देश,दिखा दे अपनी माया।।
सबके तारण हार,मात तुम दे दो शक्ति।
बनूँ चरण का धूल,दान दो ऐसी भक्ति।।
करना जग कल्याण,चैन सुख देने वाली।
रखना सबका ध्यान,जयति जय शेरो वाली।।
*मौलिक रचना*
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