डॉ. राजेश कुमार जैन श्रीनगर गढ़वाल जी द्वारा बेहतरीन रचना#

सादर समीक्षार्थ
 दिनांक    -   20.10. 2020
 विषय  -.    माँ का भोजन

 अति पावन, नवरात्रि का
 आया है  जग में, यह पर्व
 जय  माता  की,  बोलना
 हम सबका ही है, धर्म..।।

माँ की पूजा, और आरती
 आओ मिलकर, करेंगे हम
 माँ  कुष्मांडा,माँ शैल पुत्री
तुमको ही, पुकारते हम..।।

 अक्षत रोली, चंदन माई
 घी का सब, दीप जलाओ
 पूरी- कचौरी और मिठाई
 का मैया तुम, भोग लगाओ..।।

लड्डू- पेठा, खीर- हलवा
 हमने मालपुआ, बनवाया
 तुम मेरे घर, आ ओ  मैया
मैंने ही  तुमको बुलाया ..।।


 डॉ. राजेश कुमार जैन
 श्रीनगर गढ़वाल
 उत्तराखंड

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