बिंदु गोयल जी द्वारा बिषय जय माता दी पर बेहतरीन रचना#

बदलाव मंच 
साप्ताहिक प्रतियोगिता हेतु 
** जय माता दी **

माता रानी ने पकड़ा जब से हाथ । 
पूरी हो गई सभी आशाएं मिटा है मन का ताप ॥ 

जो भी मांँ के दर जाए सवाली ।
कभी ना मोडे माता खाली।
क्या देना है ,कब देना है, कब देना है, किसे देना है,
वह बैठी करें हिसाब....
माता रानी ने.......

अन्न-धन दे माँ शाकुंभरी कहलावे।
पत्थरों में भी फूल खिलावे।
जो मांगा है, जब मांगा है, जब मांगा है, जिसने मांगा है, वह हो गया मालोमाल......
माता रानी ने........

बरसों फिरी थी मैं भी खाली।
बस फिर वहांँ पर अर्जी लगा दी।
कंजक रूप में दे दिया मुझको, कंजक रूप में देने आई,कंजक का प्रसाद।।
माता रानी ने.........
स्वरचित
बिंदु गोयल

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