डॉ अलका पाण्डेय मुम्बई
बदलाव मंच
सपुताहिक प्रतियोगिता
२०/१०/२०२०- मंगल वार
शीर्षक-कष्मांडा माता
चतुर्थ शक्ति का रुप मनोहर
अष्टभुजा धारी माता सुखकर
आदिशक्ति माता जगदम्बा
कमंडल साथ कमल पुष्प मनोहर
कुम्हड़े की बलि लेकर देती वरदान ।
रोग , संताप , कष्ट हर कर देती
स्वास्थ्य दान ।।
आरोग्य , सौभाग्य दायिनी कृपा करती हो वरदायिनी ।
जयकारा लगाते गुणगान करते देती हो अभयदान ।.
शंख. चक्र , गदा , कमंडल धारणी ।
शक्ति , बल ,बुद्धि , विद्या, दायिनी।।
अंखड ज्योत जला जगराता करु माता ।
संताप मिटाती , दुख:हरती , सुखदायी कल्याणी ।।
खिर पुरी का भोग लगाती , फल और मिष्ठान्न खिलाती ।
नव दिन नित्य नया पकवान बना माता भोग लगाती ।।
अन्न , धन्य , रुप दायिनी हे कुष्मांडा वरदायिनी ।
मालपूआ का भोग लगाऊ , छप्पन भोग खिलाऊँ ।।
माया जाल काटनी , भव तारणि माता ।
रिद्धि ,सिद्धि , जीवन रक्षणि माता ।।
शकाम्भर सकल विश्व की पालन हार माता ।।
मनोकामना पूरी करती , यश गौरव वर्तनी माता ।।
सत सत नमन बारम्बार नमन
कुष्मांडा माता ।
हाथ जोड़ करु वंदन . अभिनंदन जग तारिणी माता ।।
संष्टांग दण्डवत करुं , हे अष्टभुजी माता ।
ध्यान अर्चन पूजन करुं , ज्ञान प्रकाश दायिनी माता ।।
डॉ अलका पाण्डेय मुम्बई
मौलिक
1 टिप्पणियाँ
सुंदर एवं आध्यात्मिक भावना से ओत-प्रोत सुंदर रचना है।
जवाब देंहटाएंअभिनंदन