मैं तेरी परछाई हूँ#शशिलता पाण्डेय जी द्वारा खूबसूरत बदलाव#

मैं तेरी परछाई हूँ
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मैं तो प्यारी बिटिया हूँ तेरी,
लेकर सपने दुनियाँ में आई हूँ।
मुझको भी इस दुनियाँ में जीना,
मैं तो तेरी बिटिया तेरी परछाई हूँ ।
मैं भी तेरा मान- सम्मान बनूगी,
मैं भी सपने गढ़ सकती हूँ,।
मैं एक अच्छा इंसान  बनूगी,
जितना चाहो मैं भी पढ़ सकती हूँ।
काटो न तुम हौसले के पंख हमारे,
मैं तेरी प्यारी बिटिया तेरी ही परछाई हूँ।
उड़ सकती हुँ मैं भी खुले गगन में,
बनी हुई हूँ मैं भी हाड़-मास की ।
माँ मैं तेरे ही कोख की मैं जाई हूँ ,
मैं भी संतान हूँ तेरी जैसा मेरा भाई है।
मैं  तेरी ही बनकर प्रतिछाया,
इस जग में जीवन लेकरआई हूँ।
मुझको भी ऊँचेअम्बर पर,
हौसले की ऊँची उड़ान भरने दो।
माँ मुझको भी पढ़ने दो।
दुनिया मे अपने बल पर बढ़ने दो।
मैं सृष्टि को नवजीवन देनेवाली,
मुझको भी फलने-फूलने दो।
दिखला दूँगी एक दिन मैं भी,
मैं तो हरपल तुझमे ही समाई हूँ।
थोड़ी आजादी मुझकों भी दे दो,
ऊँची मंजिल पर चढ़ने दो।
मुझको छूना है बादल को,
मैं भी तेरी मिलने वाली बधाई हूँ।
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स्वरचित औऱ मौलिक
सर्वधिकार सुरक्षित
कवयित्री:-शशिलता पाण्डेय
  

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