.
*आराधना*
~~~~~
मात पिता,
भारत मां..
धरा नमन।
हितकारी,
जन-जन का..
करें वंदन।।
जल अमृत,
जानत सब..
पहल करें ।
दुरुपयोग,
करने से..
संकट बढ़े।।
जल महिमा,
चरणामृत.
समझाकर।
सब समझें,
ऐसा जतन..
अपनाकर।।
बारिश जल,
जाये अब..
ना बहकर।
घर-घर में,
रिचार्ज से..
समाधान।।
©®
0 टिप्पणियाँ