कवि निर्मल जैन ‘नीर' जी द्वारा रचना ( विषय- संस्कार)

संस्कार.....
*******************
कैसे
आ गये
बच्चों में संस्कार
भूल गये
परिवार
टूटती
तब आशा
जब बच्चे बदलते 
मोहब्बत की
परिभाषा
बच्चे
भूले संस्कार
माता-पिता के
प्रति बदला
व्यवहार
राह
भूल गए
पाश्चात्य संस्कृति का
झूला झूल
गए
*******************
     निर्मल जैन 'नीर'
   ऋषभदेव/उदयपुर

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ