कवयित्री डॉ. रजनी शर्मा “चंदा” जी द्वारा रचना (विषय-प्रेम गीत)

नमन बदलाव मंच🙏🏻🙏🏻🌹🌹💐💐

प्रेम गीत

प्रीत के रंग रंगाई के 
हो गई मैं दीवानी
 सुध बुध खोई साजना
 दिल की धड़कन बेमानी 

तेरे प्रेम की गीत की धुन पर
 मैं बावरी जग को भूली
 बिसराई गई सब दुख मैं
 बाहों के झूले में झूली

 तेरे प्रेम गीत की...

 राधा मीरा के जैसा प्रेम मेरा
 कान्हा मैं तेरी ही हो ली 
तेरी बंसी की मधुर धुन पर 
मैं मंत्रमुग्ध हुई डोली 

तेरे प्रेम गीत की.....

तेरा प्रेम गीत मेरे दिल में 
चितचोर है ऐसे समाया
 मेरा अंग अंग तेरे रंग रंगा
 मैं बन गई तेरी रंगोली

तेरे प्रेम गीत की.....

बंद कर लूं मैं ये पलकें
 नैनों में मेरे तू समा जा
 मेरे दिल की धड़कन बन जा
 मत कर यूं आंँख मिचौंली

 तेरे प्रेम गीत की....

 तेरे रंग में रंगी हूंँ साजन 
ना दिखता दिन और रैना 
तेरे बिन ए साजन मुझको
 ना आए एक पल चैना 

तेरे प्रेम गीत की.....

रजनी शर्मा "चंदा"
 रांची झारखंड

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