कवि दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश" जी द्वारा 'माँ शेरोवाली' विषय पर रचना

बदलाव अंतरराष्ट्रीय-रा
दिनाँक- २०-१०-२०२०
शीर्षक-" माँ शेरावाली "
माँ तो बस माँ होती है
चाहे वो शेर पर सवार हो
चाहे वो सिंह पर सवार हो
हमेशा अपने बच्चों का 
वह कल्याण करती है
बच्चे माने या न माने
नवरात्रि में ही क्यों माँ
माँ तो हर वक्त बच्चों के
साथ रहती है रक्षा करती है
माँ तो बस माँ होती है
जैसे सबके लिए बना है
साल में एक-एक दिन
माँ के लिए बना नौ दिन
इस नौ दिन में माँ को
हम विधिवत याद करते हैं
उनकी पूजा अर्चना करते हैं
पूरे साल भर का आशीर्वाद
एक बार में ही पा जाते हैं
"दीनेश" हम सब नवरात्रि
उत्सव मनाते हैं माँ को
याद करते हैं माँ को याद करते हैं

दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश" कलकत्ता
रचना मेरी अपनी मौलिक रचना है।

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