नमन मंच
नारी स्वरूप
नारी देवी स्वरूप है जानता सकल जहान।
मांँ पत्नी बहन बेटी बनकर देती शब्द ज्ञान।
नारी की पूजा करो देव करेंगे निवास।
जीवन उन्नत होगा मन में रखो विश्वास।
रत्नप्रिया है सुंदरी शोभित इससे संसार।
प्रसन्न होकर यह लुटाती है अपना प्यार।
मैया के आगमन से मन में भर जाती उमंग।
भक्तों को आशीष देती मैया राजा हो या रंक।
दुर्गा भवानी कालिका विनती करती है स्वीकार।
अपराधों को क्षमा करें कर लेती है फिर अंगीकार।
हिंदू धर्म महान है अद्भुत है यह त्यौहार।
नवरात्रि में कीजिए नव दुर्गा का मनुहार।
देवी पूजन करने से सके मिलता है वरदान।
जीवन होता है सुखी करो सदा गुणगान।
नवरात्रों में मेरे घर आ जाओ अंबे रानी।
गीता कर के श्रृंगार ओढाये चुनरिया धानी।
गीता के मन में सदा ही विश्वास बनाए रखना।
हे मांँ हर दम ही मेरे घर व आस पास रहना।
गीता पांडे रायबरेली उत्तर प्रदेश
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