बदलाव अंतरराष्ट्रीय-राष्ट्रीय मंच
प्रतियोगिता
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मनहरन घनाक्षरी
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नवरात्रे मां दुर्गे
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लो आ गये नवरात्रे
नौ दिन मां के महान
सुख से भर लो सभी
झोलीयां जहान मे।।
नौरात्रों मे ज्योत जगा
मां की कृपा खूब पाई
मां मेरी तेरी दुआ से
फिर मैं मुस्कुराई।।
नौ व्रत रख मेरी हे
माता दुर्गा सप्तशती
पाठ की महिमा सभी
को सुना खुशी पाई।।
हे मां मेरी वैष्णो कृपा
कर तेरे व्दारे आके
शीश झुका मां दर्शन
तेरा माता मैं पाऊं।।
तेरी रहम से माता
जीवन खुशी से भरा
सलामत सुहाग तू
रख मांगूं ये दुआ।।
बच्चों को सदबुद्धि दे
माता नित आगे बढ़े
मात पिता की सेवा से
कभी पीछे न हटें।।
सुहागन ही हे माता
आंख को मूंद मैं जाऊं
यही बस मेरी माता
ख्वाहिश़ बतलाऊं।।
वीना आडवानी
नागपुर, महाराष्ट्र
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