*माँ कात्यायनी*
*का* कामना हर पुरी करनेवाली माँ
सच कहें तो
हम हो गए बेबस, लाचार
नितदिन हो रहे
नारी पर अत्याचार, दुराचार
अब आपसे ही उम्मीद
आप करोंगी सही उपचार
*त्याय* त्वरित दंड मिले
उन अधर्मीयों को
बुद्धि दो उन विभूतीयों को
जो समझ रहे
स्वयं को ही धरा पर
न्याय का भगवान
बेशर्मी का चोला ओढे
दुष्कर्मी घूम रहे सरेआम
समझकर स्वयं को महान
*नी* नीलगगन से धरा पर
पधारो माता रानी
करो कुछ ऐसा चमत्कार
याद आ जाए
गलत काम
करनेवालों को नानी
सतीश लाखोटिया
नागपुर, महाराष्ट्र
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