*शीर्षक-ज़िंदगी
*ज़िंदगी आसान हो जाती,*
*जो हम भूलना सीख जाते।*
*रखकर किसी किताब में यादों को,फूलों की तरह*
*काश! फिर किताब को खोलना ही भूल जाते।*
*प्यार के इस तरख्त को, तूने कभी सींचा ही नहीं*
*और हमारे दिल में तेरी यादों का समुंदर कभी रीता ही नहीं।*
*तुमने दफना दिया जिस एहसास को मैयत की तरह*,
*हम आज भी सज़दा करते हैं उसका,*
*इबादद की तरह*!!
*मेरी कलम से.......
0 टिप्पणियाँ