कवयित्री शशिलता पाण्डेय जी द्वारा रचना “सत्य की शक्ति"

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    सत्य की शक्ति
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अदम्य शक्ति सत्य के विचार की,
अति प्रबल व्यक्तित्व का प्रमाण है।
व्यक्ति के आचार और व्यवहार की
आचरण और संस्कार का निर्माण है।
आंतरिक शक्ति के असीमित आधार की
व्यक्ति के हृदय को बनाता वो पाषाण है।
 यह सत्य एक अनुभूति है विश्वास की,
प्रेमशक्ति से परिपूर्ण होता इंसान है।
 सत्य देता पहचान सुन्दर आचरण की,
बनाता सत्य इंसान को महान है।
मनुज में निडरता,साहस के जागृति की,
 ये सत्य की शक्ति करती राह आसान है।
सत्य ही जगाता भाव परोपकार का,
श्रद्धा और प्रेम से बनाता ज्ञानवान है।
ये सत्य ही हृदय में दया और प्रेम का,
अलौकिक ज्ञान और वरदान है।
सबके हृदय में प्रेम की सरिता बहाने का
 सत्य एक सुंदर विचार का प्रमाण है।
स्वार्थ और असंवेदनशील मानव को
सत्यजल से सींचकर बनाता इंसान है।
असभ्यता,उदंडता से पशुवत मानव को
सत्य ही देता नैतिकता ,सभ्यता का ज्ञान है।
सत्य एक मजबूत स्तम्भ शिक्षा का,
एक शिक्षित और सभ्य मानव की शान है।
 झुकता नही सिर कभी सत्य का,
सत्यता सुन्दर व्यक्तित्व का अभिमान है।
एक सुशिक्षित परिवार और समाज का,
सत्य एक अमूल्य अलंकार है।
जहाँ प्रवाहित गंगा सत्य और प्रेम की,
धरा पर स्वार्गिक सुखद एक संसार है।
जहाँ विचारों में समाहित आचरण सत्य की,
उस धरा पर मनुष्यों मेंप्यार ही प्यार है।
सत्य मानव में एकता और प्रेम का,
मजबूत बंधन और एकमात्र जंजीर है।
 सत्य मार्ग नैतिक गुणों के विकास का,
जगाता जिम्मेदारी का अहसास है।
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स्वरचित और मौलिक
सर्वधिकार सुरक्षित
कवयित्री:- शशिलता पाण्डेय
बलिया ( उत्तर प्रदेश)

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