जय मांँ शारदे
नमन मंच
बदलाव मंच साप्ताहिक प्रतियोगिता (9. 10. 2020 से 13. 10 . 2020)
शीर्षक डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
भारत के पूर्व राष्ट्रपति
आज सुनो तुम एक कहानी
ए.पी.जे.अब्दुल कलाम की
जन्मे साधारण निर्धन घर
कथा कहूँ भारत महान की
पंद्रह अक्टूबर दिन महिना
उन्नीस सौ एकतीस साल
हुआ धरा अवतरण उनका
उन्नत हुआ भारत का भाल
जरा सुनो तुम कहा उन्होंने
सपना वह नहीं जो सुलाए सपना वही है सोने न दे
आंँखों में बस तुम्हें उठाए
जरुरी हर-हमेशा हौसला
आसमान को तुम छू लोगे कामयाबी कठिन कभी नहीं
बुलंदी हर हालत पहुंँचोगे
चाहे कठिन हो जैसा डगर
अपने सपनों को तुम साधो
पूरा करके ही सांँसे लो
जग जीता ही फिर तुम जानो
बच्चे उन्हें बहुत प्यारे थे
घुल मिलकर बन जाते बच्चे भविष्य यह है कहते हरदम
खुशियांँ बांँटे सीधे- सच्चे
भारत का मिसाइल मैन
दुनिया में परचम लहराया
ग्यारहवें राष्ट्रपति बनकर
जन-जन का अपना कहलाया
पक्ष विपक्ष सभी राजी थे
ऐसा था आपका व्यक्तित्व
कार्यकाल को पूरा करके
किया आपने सुंदर कृतित्व
सत्ताइस जुलाई का दिन
उन्नीस सौ पंद्रह आया
गीता,कुरान, बाइबल, पढ़
भारत रत्न सबको रुलाया
मीनू मीना सिन्हा मीनल विज्ञ
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