कवयित्री शालिनी कुमारी जी द्वारा रचना “ हमारा देश हमारी जिम्मेदारी"

मंच को नमन

 आज का विषय: हमारा देश हमारी जिम्मेदारी
 विधा: आलेख

 अपने देश की जिम्मेदारी निभाने के लिए किसी विशेष समय या परिस्थिति की आवश्यकता नहीं होती| यह हमारा मौलिक कर्तव्य है कि हम अपने देश के प्रति अपने कर्तव्य को समझें और आवश्यकतानुसार उसका निर्वहन अथवा निष्पादन कर अपने दैनिक जीवन की दिनचर्या में इसे शामिल करें | जिसके तहत हम स्वच्छता, गरीबी, प्रदूषण आदि पर कार्य कर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर सकते हैं | हमें " लाओ तुज़ " के इस प्रसिद्ध कथन को कभी नहीं भूलना चाहिए कि " हजारों कोसों की यात्रा एक कदम से शुरू होती है |" इसलिए हमें सबसे पहले स्वयं को जागरूक कर अपने कर्तव्य और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी से निभाने का प्रयास करना चाहिए | तभी सही मायनों में हम देश के प्रति अपनी निष्ठा को सकारात्मक रूप दे सकते हैं |
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              शालिनी कुमारी
            शिक्षिका सह बदलाव मंच ईस्ट ज़ोन अध्यक्षा 
       मुज़फ़्फ़रपुर (बिहार )
        ( स्वरचित मौलिक आलेख)

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