शशिलता पाण्डेय जी द्वारा विषय भूली बिसरी यादें पर बेहतरीन रचना#

भूली बिसरी यादें
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गुजरते हुए जीवन के सफर में,
जाने कितनें लोग मिले बिछड़ गए?
कुछ मीठी यादे रही जेहन में,
कड़वी यादों में जकड़ गए।
नए-नए कुछ रिश्ते मिले जीवन में,
पुराने हमेशा को बिछड़ गए।
जीवन की रीत पुरानी जग में,
जो लाये हमे दुनियाँ में छोड़ गए।
बंधते गए हम समय से नए रिश्तों में,
पुराने लोग यादे छोड़ दुनियाँ से मुँह मोड़ गए।
जाते नही कभी प्रिय लोग यादों में,
समय का प्रवाह में हम आगे बढ़ गए।
ना छूटे लोग मिले दुबारा आते सिर्फ यादों में,
  कहाँ मिले फिर से जो दुनियाँ से चले गए?
रिश्ते हो या गुजरे पल बस भूली-बिसरी यादों में,
सरित प्रवाह सा जीवन येअविरल बहता जाए।
दुनियाँ का दस्तूर यही क्षणभंगुर जीवन मे,
जो पल जीवन मे चला गया वो लौट कभी ना आए,
आता है यादों के धुंधले भूले-बिसरे पल में,
अपनी सुन्दर यादों को हम अविस्मृत बनाएं।
सुन्दर कृत्यों से सबको यादे दे जाए जीवन मे,
क्योंकि जाने वाले पल ना लौट के जीवन मे आए।
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स्वरचित और मौलिक
सर्वधिकार सुरक्षित
कवयित्री:-शशिलता पाण्डेय

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