कवि बाबूराम सिंह जी द्वारा 'महात्मा गांधी' विषय पर रचना


            महात्मा  गाँधी 
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सादा जीवन उच्च विचार अपनाये मानवतावादी।
भारत  राष्टपिता  कहलाये  धन्य महात्मा  गाँधी।

२अक्टुबर  सन् १८६९समय  रहा सुखदाई।
गुजरात  के पोरबन्दर  में जन्म आपने पाई।
पिता कर्मचन्द्र गाँधी थे  माता पुतली  बाई।
मोहनदास कर्मचन्द्रगाँधी पुरा नाम कहलाई।

जीवन साथी डोर कस्तुरबा गाँधी के संग बांधी।
भारत राष्टपिता  कहलाये  धन्य महात्मा  गाँधी।

सत्यअहिंसा पाठ पढा़कर जन मनसुखी बनाये।
मानवता का  व्रत धारण कर महात्मा  कहलाये।
सत्याग्रह  कर  आजादी  हेतु सबसे आगे  आये।
क्षमा  दया  त्याग  प्रेम  से  आप चहुँदिशि  छाये।

चरखा चलाये सुत काते अपनाये खुद खादी।
भारत राष्टपिता कहलाये धन्य महात्मा गाँधी।

सत्य अहिंसा सर्वोपरि है सबको दिखला  दी।
नरम दल बनकर दहशत अंग्रेजों में फैला दी।
बिना शस्त्र उठाये ले ली ब्रिटीश से आजादी।
शान्ति क्षमा सदभावसे रोकेभारत की बर्बादी।

स्वावलम्बि बनकर महात्मा दिव्य साधना साधी।
भारत राष्टपिता कहलाये  धन्य महात्मा  गाँधी।

३०जनवरी सन्१९४८को यमराज फांस ले आया।
नाथूराम  गोडसे  सीना   पर  तीन गोली  चलाया।
राम कह उडे़ प्राण पखेरु  बंची जमीन पर  काया।
चले गये स्वर्गवास जग में आपका यश गुण छाया।

भारतवर्ष में"बाबूराम कवि"आइ दुख की आंधी।
भारत  राष्टपिता कहलाये धन्य महात्मा  गाँधी।

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बाबूराम सिंह कवि 
बड़का खुटहाँ , विजयीपुर 
गोपालगंज (बिहार )८४१५०८
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