*****************
प्रथम रुप श्वेत वर्णी शैलपुत्री
स्वागत व्दार संग तुझे बुलाई
सुनो आहवान मेरी हे मैय्या
तेरे चरणों मे शीश झुकाई।।
शंख,तलवार,चक्र,खड़ग,सिंह नाद
संग हे मां शैलपुत्री मेरे व्दारे आई
देख अनुपम श्रृंगार मां का मन
भावना संग अखंड ज्योत जगाई।।
भर गोद मां की नौ हल्दी, पान,सुपारी
संग ज्वार बो मां सुहाग भी चढ़ाई।।
स्थापित कर कलश है मात मेरी तेरे
नौ रुपों का आज फल चढ़ा सत्कार कराई।।
कृपा,दृष्टि मां तेरी रहे नित हमपे यही
तुझसे मां मांग आज शैलपुत्री झोली
फैलाई
वीना आडवानी
नागपुर, महाराष्ट्र
0 टिप्पणियाँ