कवयित्री साधना मिश्रा विंध्य जी द्वारा 'बेटी' विषय पर रचना

अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर समर्पित मेरी एक रचना 🙏
पटल पर सादर प्रस्तुत करती हूं 🙏

साथ लेकर चले हौसला सूर्य सा
बेटियों के लिए एकजुट हम चले,
पहले उन को सुरक्षा मुहैया करें
राहशिक्षा की उनके कदम तब चले।


बेटी पढ़ाने बचाने से भी पहले हम
सुरक्षा व्यवस्था का संज्ञान ले,
कुरुक्षेत्र सा रच कर समर युद्ध को
द्रोपदी सा अटल एक संकल्प लें।


मान सम्मान की बेटी को शिक्षा दें
बेटी पढाने से पहले बेटों को ज्ञान दे,
अस्मत की खातिर युद्ध दिलों में उठे
बेटियां तेरी मेरी का भान मिटे।


बेटी सुरक्षा को सर्वोपरि हम करें
बेटियों के लिए राफेल बन कर चले,
सप्तसदी में आगे चली बेटियां
लाज बनकर सदा ही रही बेटियां।

बेटो को संस्कार की शिक्षा दें,
मांग है वक्त की इसको स्वीकार लें।


साधना मिश्रा विंध्य
 लखनऊ उत्तर प्रदेश 🙏

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