कवि ओमप्रकाश श्रीवास्तव द्वारा 'करवा चौथ' विषय पर रचना

बदलाव मंच
 दिनांक 4 नवंबर 2020
 विषय करवा चौथ

चांद की चांदनी का नमन कीजिए,
 एक चांद के लिए दूसरे चांद का दर्शन कीजिए,
 चांद की चांदनी का आज यह पर्व है,
 हर चांदनी को अपने चांद पर गर्व है,
 इस चांद के लिए आज दिन भर भूखे रहेंगे,
 चांद मेरा है प्यारा उसके दर्शन करते रहेंगे,
 जब शाम को नभ का चांद निकलेगा,
 दोनों चांद को देख कर मेरा व्रत टूटेगा, 
अपनी चांद के लिए जीवन में अपना समर्पित करती हूं,
 चांद की लंबी आयु को आज मैं यूं ही व्रत करती हूं,
 मेरा चांद जीवन में  हर पल मेरे साथ रहेगा,
 आंधी हो या तूफान मेरा हाथ थाम के रहेगा।

ओमप्रकाश श्रीवास्तव तिलसहरी कानपुर नगर

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