बदलाव साहित्यिक सांस्कृतिक मंच
दिनांक:-4/11/2020
दिन:-बुधवार
विषय:- "पतिदेव"
शीर्षक - "मेरे पतिदेव मेरे प्रियतम के नाम संदेशा"
बंधन अनुपम प्रियतम तुमसे,
प्रेम गीत के छंद लिखू
तुमको मन का मीत लिखूँ,
या साँसों का अनुबंध लिखूँ|
1.
नयनों की चितवन सुन्दरतम,
भाव प्रेम का बरसे नूतन|
वसुधा भीगी इस रिमझिम से ,
पुष्प पल्लवित उपवन- उपवन
तुमको कोई ग़ज़ल लिखूँ
या विस्तृत भाव निबंध लिखूँ |
2
मन की देहरी अक्षत कुमकुम,
महका जैसे चन्दन- चन्दन |
"दीप" प्रकाशित तुलसी पावन,
और रंगोली सजती आँगन |
तुमको कोई रंग लिखूँ या |
या करवा चौथ का चन्द्र लिखूं ।
3.
चांदनी शीतल उजला मधुवन,
प्रेम है मन का पावन बंधन l
वसुंधरा मिल रही गगन से ,
और कर रही शत-शत वंदन l
तुमको कोई बाग लिखूं या
व्यापक मंद सुगंध लिखूँl
© रचनाकार
डॉ. दीप्ति गौड़ "दीप"
कवयित्री ग्वालियर मध्यप्रदेश
सर्वांगीण दक्षता हेतू राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली की ओर से भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति महामहिम स्व. डॉ. शंकर दयाल शर्मा स्मृति स्वर्ण पदक,विशिष्ट प्रतिभा सम्पन्न शिक्षक के रूप में राज्यपाल अवार्ड से सम्मानित ।
घोषणा- पत्र
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