कवयित्री डॉ. अर्पिता अग्रवाल जी द्वारा रचना “विषय व शीर्षक - दीपोत्सव"

बदलाव मंच राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय साप्ताहिक प्रतियोगिता
(11-18 नवंबर)
विधा - काव्य 
विषय व शीर्षक - दीपोत्सव 

आया है दिवाली का त्यौहार 
संग लाया है प्रदूषण का प्रहार  
कैसे फैलाऊँ खुशियाँ अपार 
सोचकर मन है बड़ा उदास। 

मन में उदासी और कोरोना 
दूजी ओर पटाखों का रोना 
अब कैसे यह त्यौहार मनाएँ 
दीपोत्सव का नया रुप सजायें। 

संग मिल संस्कारों की जोत जलाएं
जला आशा के दीप उत्साह बढ़ाएं 
सतकर्मों से इसे खुशहाल बनाएं
दीपोत्सव को कुछ ऐसे मनायें। 

अच्छाई कभी न हारे, ये सिखाएं 
प्रभु राम को अपना आदर्श बनायें 
बांटें प्रेम उदासी को दूर भगाएं। 
दीपोत्सव का अद्भुत रुप सजायें।

यतीमों को माँ- बाप दिलाएं
उनका एक नया घर बनाएं
वृद्धों को आश्रम से हटाएं
आशीष लें जीवन धन्य बनाएं।

मिलकर सारी कलुषता मिटायें
गरीबी अमीरी का भेद मिटायें
माटी का सबको महत्त्व समझायें
दीपोत्सव का नया रूप सजाएं ।


डॉ. अर्पिता अग्रवाल 
नोएडा, उत्तरप्रदेश

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