विषय - सूर्य देव
विधा - मनहरण घनाक्षरी
हे सूर्य देव आपको,
नमन है बारम्बार
महिमा भी है अपार
बात सुन लीजिए।
जगत पालनहार,
दूर करो अंधकार,
करते हो उपकार,
दया कर दीजिए।
जीवन का संदेश हो,
सारे ही विकार हरो,
ज्ञान का प्रकाश करो,
तम दूर कीजिए।
तुम्हें जपूँ दिन रात,
चाहे कोई सा हो वार,
राजेश नमन करे
कृपा बरसाईये।
डॉ.राजेश कुमार जैन
श्रीनगर गढ़वाल
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