5/11/2020
दोहा
कातिक पावन मास में,हरी नाम जप भोर।
जीवन में शांति मिलें,बिन हल्ला बिन शोर।।
रेवा सब दुख टारती,महिमा अपरंपार।
पावन माता नर्बदा,करती हैं उपकार।।
तुलसी नित पूजन करों,जा में गुण खान।
निरोग रोगी को करें,जानत सकल जहान्।।
किसन कन्हाई मिलत हैं, खोलत मन के द्वार।
तन-मन अर्पण करें सै, बेड़ा होवें पार।।
दान पुन्य हम सब करें, यही साथ में जाय।
खाली दोनों हाथ थें,दोनों खाली जाय।।।
स्वरचित/मौलिक
योगिता चौरसिया
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